kisan ngo
"किसान विकास एवं युवा कल्याण " (KISAN N.G.O) का उदेश्य किसानो और युवाओ मे कृषि,रोजगार शिक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र मे नयी क्रांति पैदा करना जैसा की हम सब जानते है कि हमारा देश कृषि प्रदान देश है और आधे से ज्यादा आबादी किसानो की है फिर भी देश का ज़्यादातर युवा कृषि को अपना पेशा नही बनाना चाहता। कृषि के बारे मे इतनी संकीर्ण सोच है कि हम कृषि को व्यवसाय ही नही मानते। कारण है कि हमारे देश मे आज भी ज्यादा तर किसान पुराने तरीको से कि खेती कर रहे है जिसकी वजह से लागत ज्यादा और उपज कम हो रही है जिससे किसानो की आर्थिक स्थिति मे दिन पर दिन गिरावट आ रही है और ऐसे मे ।ऐसी परिस्थितियो मे किसानो की आवश्यक सहायता करना और सरकार द्वारा चलायी जा रही लाभ करी योजनाओ की जानकारी उपलब्ध करना और हमारे समाज में व्याप्त कुरीतियों, अन्याय, अत्याचार, अशिक्षा, अन्धविश्वास जैसी बुराइयों से लड़ते हुए एक साफ़ सुथरे समाज का निर्माण करना इसी लक्ष्य को लेकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में युवाओं को सक्रिय योगदान हेतु प्रेरित करने तथा समाज के प्रति उनके दायित्वों का बोध कराने के काम मे"किसान विकास एवं युवा कल्याण " (N.G.O) के माध्यम से, मैं और मेरे साथी प्रयास रत हैं।
यदि आप हमारे मकसद से सहमत हैं समाज और किसानो के लिए कुछ करने का जज्बा, जोश अपने अंदर रखते हैं तो हमारे साथ जुडकर हमे और अपने आप को और अधिक मजबूत बनाये।
संस्था के उद्देश्य:
राष्ट्रीय एकता एवं भाईचारे को मजबूती प्रदान करना।
साक्षरता को बढ़ावा देना।
गरीबों, अपाहिजों एवं विपत्ति में फंसे लोगों को सहायता पहुंचाना।
समाज में स्थापित कुरीतियों एवं बुराइयों को दूर करना।
छुआछूत को दूर करना।
समाज में बढ़ रहे जातीय एवं साम्प्रदायिक संघर्षों को दूर करना।
किसानो और युवाओ के लिए रोजगार कि समभावनए पैदा करना।
संस्था के कार्यों को संचालित करने हेतु विभिन्न जिलों, तहसीलों एवं गांवों में आवश्कतानुसार संस्था के शाखा कार्यालयों को स्थापित करके संचालित करना तथा कार्यालयों में प्रचार-प्रसार हेतु अस्थायी एवं स्थायी कार्यकर्ताओं की उचित वेतन पर नियुक्ति करना।
संस्था के जनकल्याणकारी कार्यों को संचालित करने हेतु प्रान्तीय, जिलास्तरीय, तहसील स्तरीय एवं ब्लॉक तथा ग्रामस्तरीय संस्था के शाखा पदाधिकारियों की नियुक्ति करना।
अपने जनकल्याणकारी कार्यों हेतु प्रशासनिक आर्थिक सहयोग, सब्सिडी एवं सांसद या विधायक निधि से सहयोग प्राप्त करना और आवश्यकतानुसार बैंकों या प्राइवेट वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त करके कार्यों को संचालित करना।
शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु कोचिंग सेण्टर एवं विद्यालयों का निर्माण कराकर संचालित करना। एवं गरीब या बेसहारा बच्चों हेतु निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था कराना या आर्थिक मदद देना व बच्चों को शिक्षा क्षेत्र में पुरस्कृत करना।
संस्था अपने उद्देश्यों की पूर्ति हेतु उपहार, सहयोग, दान, सम्पत्ति (चल व अचल) संस्था के हित में स्वीकार करने के लिये अधिकृत है।
जनकल्याणकारी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक आदि जनकारियों से जुड़े साहित्य एवं राष्ट्रीय चेतना, नशा, भ्रष्टाचार एवं अपराध मुक्ति हेतु प्रचार सामग्री का प्रकाशन करके जन-जन तक पहुँचाना।
नशामुक्त समाज के निर्माण हेतु अभियान चलाना। आवश्यकतानुसार जगह-जगह पर जनजागरण कार्यक्रमों एवं जनजागरण सदभावना यात्रा आदि का आयोजन करना।
पर्यावरण के रक्षार्थ वृक्षारोपण आदि करना एवं समाज को इस दिशा में कार्य करने हेतु प्रेरित करना। साथ ही जल संरक्षण, भूमि संरक्षण तथा वायु एवं ध्वनि प्रदूषण के क्षेत्र में भी सतत कार्य करना।
समाज को पूर्ण स्वस्थ बनाने के लिए स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करना एवं चिकित्सालयों का निर्माण कराकर संचालित करना तथा ऐसे कार्यों के लिये आर्थिक मदद देना।
शारीरिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने एवं शारीरिक रूप से समाज को सामर्थ्यवान् बनाने के उद्देश्य से खेल-कूद कार्यक्रमों को आयोजित करना और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु पुरस्कृत करना तथा खेल मैदानों का निर्माण कराकर सभी खेल सुविधायें एवं सामग्री उपलब्ध कराना तथा इस क्षेत्र में उचित आर्थिक सहयोग प्रदान करना।
जनकल्याणकारी कार्यों को गति देने हेतु धन अर्जित करने के लिये आवश्यकतानुसार ऐसे व्यावसायिक कार्य करना, जिनसे धन अर्जित हो सके तथा बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध हो सके।
धर्मशाला, प्याऊ, शौचालय, भवनों आदि जनकल्याणकारी निर्माणों को कराने हेतु संस्था के नाम से भूमि क्रय करना तथा किराये या लीज पर लेकर इन क्रमों को संचालित करना।
संस्था की समस्त जनकल्याणकारी गतिविधियों के संचालन हेतु भूमि क्रय करना, भवनों एवं कार्यालयों का निर्माण कराना, जिसके लिये विभिन्न प्रान्तों, जिलों, कस्बों, गांवों आदि में विस्तार किया जा सकता है। आवश्यकतानुसार संस्था की भूमि को विक्रय, लीज या किराये पर भी दिया जा सकता है एवं संस्था स्वतः भवनों एवं भूमि को किराये या लीज पर लेकर उपयोग कर सकता है।